दिल्ली एनसीआर की हवा में जहर की पुष्टि इन दिनों खूब हो रही है। यह एक समस्या है जो गंभीर रूप लेती नजर आ रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या दिल्ली की ही हवा सबसे जहरीली है? क्या उत्तर भारत के बाकी शहर सुरक्षित हैं?
इन सवालों का कोई एक सटीक उत्तर नहीं है। हाल ही में शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट (एपिक इंडिया) के शोधकर्ताओं ने एक विश्लेषण किया है, जिसके मुताबिक भारत के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर दिल्ली से ज्यादा है। नवंबर 2016 से अक्टूबर 2017 तक सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और बिहार के पीएम 2.5 के आंकड़ों की जांच में पता चला कि वार्षिक पीएम 2.5 का स्तर लखनऊ, गुरुग्राम, कानपुर और फरीदाबाद में दिल्ली से कहीं अधिक था। पटना और आगरा में इसका स्तर दिल्ली के बराबर ही था।
हमारे देश में हवा की गुणवत्ता की माप एयर क्वॉलिटी इंडेक्स है। यह वातावरण में मौजूद 8 तत्वों के मिक्सचर को औसतन 24 घंटे तक नापने के बाद तैयार किया जाता है। इन तत्वों में पीएम 2.5 के 2.5 माइक्रोमीटर के पार्टिकल साइज सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। शहरों में पीएम 2.5 का मुख्य कारण ट्रैफिक और सड़क की धूल, धुआं, थर्मल पावर प्लांट और इंडस्ट्री से निकलने वाला धुआं तो है ही, ईंट भट्टे, डीजल जेनरेटर तथा खुले में जलते कूड़े भी है।…