वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान लगाने में सुधार किया जा सकता है। इसके लिए हाल ही में एक अध्ययन किया गया, जिसमें प्रदूषण के सटीक मानचित्रों को हासिल करने के लिए 28 कस्टम-डिजाइन तैयार किए गए। इसमें किफायती पोर्टेबल वायु गुणवत्ता सेंसर की निगरानी नेटवर्क से दो साल के आंकड़ों को हासिल करने के लिए सटीक स्पशटेम्पोरल भविष्यवाणी मॉडल का उपयोग किया गया।
अध्ययन के मुताबिक घनी आबादी वाले शहरों में सस्ती, पोर्टेबल वायु गुणवत्ता की निगरानी का एक नेटवर्क जो प्रदूषण का सटीक पूर्वानुमान लगा सकता है और लोगों को चेतावनी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
शोध इस बात पर जोर देता है कि अधिक लागत होने से अक्सर शहरों की सरकारें वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले उपकरणों को लगाने से बचते हैं। ये उपकरण सार्वजनिक वायु-गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े प्रदान करने के लिए अहम होते हैं। जैसे कि दिल्ली के लिए केवल 33 रेफरेंस-ग्रेड मॉनिटर उपलब्ध हैं, यहां की आबादी 1.5 करोड़ है।
येल विश्वविद्यालय, वारविक, ईपीआईसी, स्विस डेटा सेंटर, काई एयर मॉनिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के शोधकर्ताओं ने शहरी वायु गुणवत्ता के मॉडल और भविष्यवाणी करने के लिए एक किफायती सेंसर का सुझाव दिया है।